top of page

संविधान दिवस पर बाबा साहेब और जयपाल सिंह मुंडा को नमन

मुसाबनी में संविधान दिवस पर बाबा साहेब और जयपाल सिंह मुंडा को दिया गया श्रद्धांजलि।

ree

मुसाबनी, 26 नवंबर:

आज मुसाबनी अस्पताल चौक के समीप संविधान दिवस के अवसर पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर और

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जी की प्रतिमाओं पर

माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

ree

कार्यक्रम का उद्देश्य संविधान की मूल भावना —

न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को जन-जन तक पहुंचाना हैं।

ree

कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी सुरई बेसरा, मोहम्मद गुलाम, शंकर सेन महाली, गौरव कुमार सिंह, विकाश हेमब्रम, संजय मुर्मू, तपन कर्मकार, कोखन महतो, रामकृष्ण क्रांति महाली, के. मोइनुद्दीन, दीपक पातर, संवर,

असगल अली, अफरोज़ आलम, इवान तथा कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

ree

प्रतिमाओं पर माल्यार्पण के बाद मौजूद लोगों ने

संविधान के महत्व, नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों पर चर्चा की और बाबा साहेब व जयपाल सिंह मुंडा के योगदान को याद किया।


ree

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक दस्तावेज़ है, और 26 नवंबर 1949 वह ऐतिहासिक दिन है जब संविधान सभा ने इसे अंगीकृत कर देश को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की मजबूत नींव प्रदान की। संविधान केवल कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत दर्शन है। इसके निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने यह सुनिश्चित किया कि हर नागरिक, चाहे उसकी जाति, धर्म, भाषा या पहचान कुछ भी हो, गरिमा के साथ, समान अधिकारों के साथ जीवन जी सके। संविधान हमें मौलिक अधिकार देता है, जिनमें समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे अधिकार शामिल हैं, साथ ही यह हमें नागरिक कर्तव्यों की भी याद दिलाता है, जैसे संविधान का सम्मान, राष्ट्रीय एकता की रक्षा और समाज में शांति व समरसता बनाए रखना।


संविधान दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें, लोकतंत्र की भावना को मजबूत करें और संविधान निर्माताओं के योगदान को नमन कर सकें। आदिवासी समाज के लिए भी यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि संविधान ने उन्हें सांस्कृतिक, भौगोलिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। संविधान सभा में मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने आदिवासी समाज की आवाज़ को मजबूती से रखा और उनकी पहचान, अधिकार और अस्तित्व की रक्षा सुनिश्चित की। आज संविधान दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि हम सब "हम भारत के लोग" के सिद्धांत के तहत एकजुट हैं, विविधता में एकता ही हमारी असली शक्ति है।


इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम संविधान को केवल पढ़ें नहीं, बल्कि इसे जीवन में उतारें; किसी के साथ भेदभाव न करें; समाज में भाईचारा, सम्मान और न्याय को मजबूत करें। संविधान हमें बताता है कि एक सभ्य राष्ट्र की पहचान उसके नागरिकों के व्यवहार और कर्तव्यनिष्ठा से होती है। अतः संविधान दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को प्रणाम करने और उसे जीवित रखने का संकल्प दिवस है।


कार्यक्रम शांतिपूर्ण एवं गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।


मुसाबनी स्थित सभी महान व्यक्तियों की प्रतिमाओं के संरक्षण और रखरखाव के लिए जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा।

ree

इस समिति के माध्यम से प्रत्येक प्रतिमा के नियमित रखरखाव, साफ़-सफ़ाई, मरम्मत एवं सुरक्षा हेतु फंड की व्यवस्था की जाएगी और एक व्यवस्थित कार्य-रूपरेखा तैयार की जाएगी। समिति में समाज के सक्रिय और जिम्मेदार सदस्यों को शामिल कर प्रतिमाओं की गरिमा बनाए रखने और उन्हें ससम्मान संरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।

ree

🌐 अधिक जानकारी/संपर्क करने के लिए अपना विवरण दें।


ऐसे ही

ℹ️ सूचनाएं ,📡 न्यूज़ अपडेट्स,🤭 मीम्स, 💼 करियर के मौके, 🇮🇳 देश-दुनिया 🌍 की खबरें, 🏹 आदिवासी मुद्दों और जागरूकता की जानकारी,♥️ जीवन की समस्याओं के समाधान,📱 टेक्नोलॉजी और नई तकनीकों की जानकारीयों की Regular Updates 📰 पाने के लिए हमारे 👇 WhatsApp चैनल 📺 को

 🤳करें


🌟 इस जानकारी को सभी के साथ साझा 🤳 करें!

📢 अपने सभी दोस्तों को भेजे एवं सभी ग्रुप में पोस्ट कर अधिक से अधिक लोगों तक ये जानकारी पहुंचाएं।💪 हमारे प्रयासों को मजबूत बनाने और जागरूकता बढ़ाने में मदद करें। 🌍 आपकी भागीदारी समाज और मानवता के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।


आपके सपनों को साकार करने और आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर।


For More Updates

Like ♥️ l Comment 💬 l Share 🤳

Keep Supporting @ 🌐 SSMahali.com 💕💕

 
 
 

टिप्पणियां


Contact

© 2025 SSMahali.com
© ssmahali.com

Musabani, Jamshedpur

Jharkhand, INDIA - 832104

​​

  • Facebook
  • X
  • Instagram
  • Youtube
bottom of page