
9 अगस्त, 2025 विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष
- S S Mahali
- 1 दिन पहले
- 6 मिनट पठन
9 अगस्त, 2025 — विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष।

🏹 हर वर्ष 9 अगस्त को "अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस" मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक विविधता, उनके अधिकारों और अस्तित्व के संघर्ष को मान्यता देने का अवसर होता है। वर्ष 2025 का थीम है – “Indigenous Peoples and AI: Defending Rights”, जिसका हिंदी अनुवाद है – “आदिवासी जनजातियाँ और कृत्रिम बुद्धिमत्ता: अधिकारों की रक्षा” करना हैं।

यह विषय इस ओर संकेत करता है, कि जिस तेज़ी से तकनीकी दुनिया बदल रही है, उसमें आदिवासी समाज की सुरक्षा, अधिकारों और पहचान को सुरक्षित रखना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। यह दिन दुनिया भर के आदिवासी के अस्तित्व, अस्मिता, संस्कृति, आत्मनिर्भरता और अधिकारों की सुरक्षा के लिए समर्पित है।
🌿 विश्व आदिवासी दिवस 🌿
📅 तारीख: 9 अगस्त 2025

📅 आरंभ:
9 अगस्त 1982 को Working Group on Indigenous Populations की पहली बैठक संयुक्त राष्ट्र में हुई थी।
यह समूह आदिवासियों की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक स्थिति पर विचार करने के लिए बनाया गया था।
📍 इस दिन को क्यों चुना गया?
1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) ने प्रस्ताव पारित कर 9 अगस्त को हर वर्ष विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया । इसका उद्देश्य था कि दुनियाभर में रहने वाले मूलनिवासी समुदायों (Indigenous Peoples) के अधिकारों, संस्कृति, और उनके सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाई जाए। यह दिवस 1982 में मानवाधिकार आयोग के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र कार्यसमूह की पहली बैठक की स्मृति में मनाया जाता है। इसी महत्वपूर्ण घटना की स्मृति में 9 अगस्त को यह दिन तय किया गया । 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 अगस्त को आधिकारिक रूप से विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया।
विश्व भर में लगभग 90 से अधिक देशों में 500 मिलियन (50 करोड़) से ज्यादा आदिवासी (Indigenous Peoples) रहते हैं। ये आदिवासी समुदाय लगभग 5,000 से अधिक विभिन्न जनजातियों में सूचीवध किया गया हैं।
🌍 संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 6.2% हिस्सा आदिवासी समुदायों का है। जिसमें 5000 से भी अधिक समुदाय शामिल हैं।
🏹 ये समुदाय 70% से अधिक जैव विविधता वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जिनका पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान होता है।

🌍 कुछ प्रमुख देशों में आदिवासी समुदाय: अधिकतर आदिवासी समुदाय ऑस्ट्रेलिया (Aboriginals and Torres Strait Islanders), कनाडा (First Nations, Inuit, Métis), अमेरिका (Native Americans), ब्राजील (Amazon Indigenous Tribes), इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड (Maori), नॉर्वे (Sami), चीन, पेरू, कोलंबिया, बोलीविया, अफ्रीका, एशिया, और उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र (Arctic) आदि में पाए जाते हैं।
भारत जैसे देश में, जहाँ लगभग 705 से अधिक जनजातियाँ (संविधान की 5 व 6 अनुसूची के अंतर्गत सहित अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में ) निवास करती हैं, यह दिवस आदिवासी समाज के संरक्षण, संवर्धन और आत्मनिर्भरता के संघर्ष को समझने और आगे बढ़ाने का अवसर है।
🌍 भारत के प्रमुख आदिवासी समुदाय (Scheduled Tribes) – जैसे:
भील – लगभग 1.62 करोड़
गोंड – लगभग 1.28 करोड़
संथाल – लगभग 70 लाख
ओरांव (उरांव) – लगभग 35 लाख
मुंडा – लगभग 30 लाख
खोंड – लगभग 14 लाख
हो – लगभग 13 लाख
कोल – लगभग 12 लाख
भीलाला – लगभग 10 लाख
महली – लगभग 5 लाख हैं।
👉 ये संख्या पिछली जनगणना पर आधारित हैं, और 2025 तक इसमें वृद्धि हुई होगी।
🏹 2025 की थीम: "स्वदेशी जनजातियाँ और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): अधिकारों की रक्षा, भविष्य का निर्माण"
आज का समय तकनीकी विकास, डिजिटल युग और AI (Artificial Intelligence) के वैश्विक प्रभाव का है। ऐसे समय में आदिवासी की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक ज्ञान, जैव विविधता की रक्षा, और तकनीकी विकास के साथ उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती और अवसर दोनों है।

🤖 क्या है AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता)?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी Artificial Intelligence (AI) वह तकनीक है जो मनुष्यों की तरह सोचने, निर्णय लेने और काम करने की क्षमता रखती है। इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, कृषि, रोजगार और सामाजिक मीडिया में बढ़ रहा है।

परंतु सवाल यह है कि – क्या यह तकनीक आदिवासियों के हित में है या उनके विरुद्ध एक नया खतरा बन सकती है❓
➡️ इस थीम के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि: AI का उपयोग आदिवासियों की पहचान और संस्कृति को मिटाने के लिए न हो। AI आधारित सर्वेक्षण, भू-अधिग्रहण, निगरानी तंत्र आदिवासियों के अधिकारों का उल्लंघन न करें। AI आधारित शिक्षा, स्वास्थ्य, और सूचना तक आदिवासियों की समावेशी पहुँच हो।
आदिवासी युवाओं को AI आधारित भविष्य के लिए प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे तकनीक के निर्माता बनें, सिर्फ उपभोक्ता नहीं।
🏹 भारत में आदिवासी समुदाय और उनकी चुनौतियाँ हाल के वर्षों में भारत में आदिवासी समुदायों के समक्ष अनेक गंभीर संकट उभरकर आए हैं, जिनमें विकास के नाम पर विस्थापन, जमीन अधिग्रहण, और वनभूमि पर नियंत्रण, नकली मुठभेड़, फर्जी गिरफ्तारियाँ, और नक्सल के नाम पर उत्पीड़न, भाषा, धर्म और संस्कृति पर हमले, जबरन धर्मांतरण या सांस्कृतिक वर्चस्व, खनिज, वन, जल संसाधनों पर माफियाओं और कॉर्पोरेट हितों का कब्ज़ा करना शामिल हैं।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए आदिवासी समाज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की जानकारी होना ज़रूरी है।
🏹 संयुक्त राष्ट्र की घोषणा: UNDRIP (United Nations Declaration on the Rights of Indigenous Peoples)
2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित "UNDRIP" आदिवासी अधिकारों की सबसे व्यापक और ऐतिहासिक घोषणा है। इसमें 46 अनुच्छेद (Articles) शामिल हैं, जो विश्व के सभी देशों पर नैतिक और कानूनी रूप से लागू होते हैं।
🧾 UNDRIP के कुछ प्रमुख अधिकार:
1. (अनुच्छेद 3) - आत्मनिर्णय का अधिकार: अपनी राजनीतिक स्थिति तय करने और आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास की स्वतंत्रता।
2. (अनुच्छेद 8) - सांस्कृतिक पहचान की रक्षा: जबरन धर्मांतरण, भाषा परिवर्तन, या संस्कृति नष्ट करने की किसी भी कार्यवाही का विरोध।
3. (अनुच्छेद 10) - जबरन विस्थापन पर रोक।
4. (अनुच्छेद 18-19) - निर्णय लेने की प्रक्रिया में आदिवासियों की भागीदारी और पूर्व-सहमति (Free, Prior and Informed Consent)।
5. (अनुच्छेद 25-30) - जल, जंगल, जमीन, संसाधनों और पारंपरिक क्षेत्रों पर अधिकार।
6. (अनुच्छेद 31) - सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक ज्ञान, कलाकृति, साहित्य, लोकगीत, विज्ञान, खेती के पारंपरिक तरीकों की सुरक्षा।
7. (अनुच्छेद 39) - राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की व्यवस्था।
भारत भले ही UNDRIP का समर्थक सदस्य है, लेकिन भारत की सरकारें आज भी इन अधिकारों को लागू करने से पीछे हट रही हैं, जो संवैधानिक और नैतिक दोनों दृष्टि से अनुचित है।
🏹 आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार (भारतीय संदर्भ) भारत के संविधान में आदिवासियों के लिए विशिष्ट प्रावधान दिए गए हैं:
अनुच्छेद 244: 5वीं और 6वीं अनुसूची के तहत स्वशासन का अधिकार।
अनुच्छेद 46: आदिवासियों की विशेष सुरक्षा।
PESA (1996): ग्रामसभा की सर्वोच्चता।
Forest Rights Act (2006): पारंपरिक वन अधिकार की मान्यता।
अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत (वन अधिकार की मान्यता) अधिनियम।
लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि इन कानूनों का पालन हो ही नहीं रहा है। सरकारें कॉर्पोरेट हितों के लिए इन कानूनों को कमजोर करने में लगी हैं।
🏹 9 अगस्त: सिर्फ उत्सव नहीं, अधिकारों की समीक्षा और चेतना का दिन। आज आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों, शिक्षकों, युवाओं, महिलाओं, कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और जनप्रतिनिधियों की ज़िम्मेदारी है कि:
✅ 9 अगस्त को सिर्फ नाच-गान का उत्सव न बनाएं,
✅ बल्कि UNDRIP के 46 अनुच्छेदों का वाचन, जागरूकता शिविर, जनसंवाद और अध्ययन भी करें।
✅ अपने बच्चों और युवाओं को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कानूनों की जानकारी दें।
✅ भारत सरकार से मांग करें कि UNDRIP को पूर्ण रूप से लागू किया जाए।
✅ शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, रोजगार, AI और तकनीकी विकास में आदिवासियों की भागीदारी बढ़ाई जाए।
आज आदिवासी समाज की अस्मिता, आत्मसम्मान, संस्कृति, भूमि और अस्तित्व पर वैश्विक खतरा मंडरा रहा है। इस संकट से उबरने के लिए हमें एकजुट होकर, संविधान और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की ताकत के साथ आगे बढ़ना होगा।
🧠 जानने योग्य तथ्य: विश्वभर में लगभग 50 करोड़ (500 million) मूलनिवासी लोग रहते हैं जो कुल वैश्विक जनसंख्या का लगभग 6.2% हैं। ये आदिवासी लोग करीब 90 देशों में फैले हुए हैं, और लगभग 5,000 विभिन्न जनजातीय समुदायों में बंटे हुए हैं। ये संसाधनों में सबसे गरीब लेकिन संस्कृति में सबसे समृद्ध माने जाते हैं।
👉 "संस्कृति की रक्षा" केवल लोकगीत, वेशभूषा, और नृत्य नहीं है — यह अपने अधिकार, जमीन, भाषा, धर्म, शिक्षा, न्याय, और भविष्य की रक्षा करना भी है।
✊ हूल जोहार
S S Mahali 🏹
जय आदिवासी, जय प्रकृति ☘️
अधिक जानकारी/संपर्क करने के लिए अपना विवरण दें
ऐसे ही
ℹ️ सूचनाएं ,📡 न्यूज़ अपडेट्स,🤭 मीम्स, 💼 करियर के मौके, 🇮🇳 देश-दुनिया 🌍 की खबरें, 🏹 आदिवासी मुद्दों और जागरूकता की जानकारी,♥️ जीवन की समस्याओं के समाधान,📱 टेक्नोलॉजी और नई तकनीकों की जानकारीयों की Regular Updates 📰 पाने के लिए हमारे 👇 WhatsApp चैनल 📺 को
🤳करें
🌟 इस जानकारी को सभी के साथ साझा 🤳 करें!
📢 अपने सभी दोस्तों को भेजे एवं सभी ग्रुप में पोस्ट कर अधिक से अधिक लोगों तक ये जानकारी पहुंचाएं।💪 हमारे प्रयासों को मजबूत बनाने और जागरूकता बढ़ाने में मदद करें। 🌍 आपकी भागीदारी समाज और मानवता के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
आपके सपनों को साकार करने और आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर।
Like ♥️ l Comment 💬 l Share 🤳
Keep Supporting @ 🌐 SSMahali.com 💕
Yorumlar