"आदर्श आचार संहिता" (Model Code of Conduct) भारत में एक दिशा-निर्देशों का सेट है, जिसे चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा पालन किया जाना चाहिए। इसका उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। यह कोड मुख्य रूप से चुनाव आयोग द्वारा जारी किया जाता है और चुनावी प्रक्रिया के दौरान लागू होता है। इसमें कई नियम होते हैं,
चुनाव के दौरान निष्पक्षता और शांति बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा कुछ प्रतिबंध लागू किए गए हैं जो अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये प्रतिबंध मुख्य रूप से राजनीतिक दलों और चुनाव में भाग लेने वाले उम्मीदवारों द्वारा चुनाव प्रचार और जनसभाओं के आयोजन को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए हैं, ताकि कोई भी असामाजिक तत्व चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित न कर सके और विधि-व्यवस्था भंग न हो।
1. आचार संहिता का प्रभाव 📜:
विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इस अवधि के दौरान राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को विशेष दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।
2. सभा और जुलूस पर नियंत्रण 🛑:
बिना अनुमति के किसी भी प्रकार की रैली, सभा, या धरना आयोजित नहीं किया जा सकेगा। रैली और जनसभाओं में हथियारों का प्रदर्शन और शक्ति प्रदर्शन पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा ताकि मतदाताओं को भयभीत न किया जा सके।
3. वाहनों का उपयोग 🚗:
चुनाव प्रचार के दौरान वाहनों का उपयोग सक्षम पदाधिकारी से अनुमति प्राप्त किए बिना नहीं किया जा सकेगा।
4. ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग 🔊:
सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की जातीय, धार्मिक, या साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
5. सरकारी संपत्ति पर प्रचार सामग्री का उपयोग 🏛️:
सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति पर बिना अनुमति के किसी भी प्रकार के पोस्टर, बैनर या होर्डिंग लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। इसके उल्लंघन पर Prevention of Defacement of Property Act 1987 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
6. समूहों में एकत्रित होना 👥:
शांति भंग करने के उद्देश्य से पांच या अधिक व्यक्तियों का एक साथ एकत्र होना प्रतिबंधित रहेगा, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखी जा सके।
7. साम्प्रदायिक और जातीय विद्वेष फैलाने पर प्रतिबंध ✋:
सोशल मीडिया या किसी भी अन्य माध्यम से जातीय, धार्मिक, या समुदायों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाने वाले प्रचार पर रोक रहेगी। इसका उल्लंघन करने पर धारा 125 Representation of the People Act 1951 और धारा 153A IPC के तहत सख्त दंड का प्रावधान है।
8. निजी जीवन पर हमला नहीं 🚫:
किसी भी उम्मीदवार या कार्यकर्ता के व्यक्तिगत जीवन को लेकर कोई प्रचार नहीं किया जा सकता। ऐसा करने पर इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
9. मीडिया और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज 📰:
गलत सूचना फैलाने पर IT Act के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
10. धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों का उपयोग ⛪🎓: राजनीतिक दल और उम्मीदवार धार्मिक या शैक्षणिक संस्थानों के परिसर के आसपास अपने प्रचार कार्यालय नहीं खोल सकते, ताकि समाज में शांति बनी रहे।
यह आदेश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता के तहत विभिन्न दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी व्यक्ति, राजनीतिक दल, संगठन, उम्मीदवार या अन्य संबंधित पक्षों द्वारा निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा।
11. निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन 📜:
कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टियां, निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों के विपरीत कोई भी कार्य नहीं करेगा। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
12. विशेष परिस्थितियों में आदेश लागू नहीं होगा 🚫:
यह आदेश कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू नहीं होगा, जैसे:
पूर्व-निर्धारित और अनुमति पर्राप्त सभा/जुलूस
शादी बारात या अन्य सामाजिक समारोह
शव-यात्रा
हाट-बाजार
अस्पताल जा रहे मरीज और उनके साथ जाने वाले लोग
विद्यालय और महाविद्यालय जाने वाले छात्र/छात्राएँ
सरकारी कर्मचारी और पुलिस बल जो अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं आदि पर लागू नहीं होता हैं।
13. एक पक्षीय आदेश (Ex-Parte) ⚖️:
सक्षम अधिकारी और उपायुक्त द्वारा इस आदेश को एक पक्षीय (Ex-Parte) रूप में पारित किया जाता है क्योंकि संबंधित सभी व्यक्तियों को तत्काल रूप से नोटिस तामिला कराना संभव नहीं है। अतः यह आदेश सार्वजनिक रूप से जारी किया जाता है ताकि सभी संबंधित पक्ष इसकी जानकारी प्राप्त कर सकें।
14. आदेश की तिथि और समय 🕒:
यह आदेश सक्षम पदाधिकारी के हस्ताक्षर और कार्यालय की मुहर के साथ दिनांक 15.10.2024 के अपराह्न (दोपहर) से जारी कर दिया गया है।
यह आदेश चुनाव प्रक्रिया के दौरान शांति बनाए रखने और किसी भी प्रकार की विधि-व्यवस्था की समस्या को रोकने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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