🏹 आदिम माहली महाल की महत्वपूर्ण बैठक – पेसा एक्ट और समाज की एकजुटता पर चर्चा।

आज दिनांक 05 फरवरी 2025 को मुसाबनी नंबर 1 के पूर्वी मुसाबनी पंचायत भवन सभागार में आदिम माहली माहाल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता तोरोफ परगना सोबरा हेंब्रम ने की, इस बैठक में पेसा एक्ट (PESA Act)1996 की जानकारी और समाज की एकता को मजबूत करने पर व्यापक चर्चा हुई। इस समाज के कई गणमान्य व्यक्तियों एवं पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के लोगों ने भाग लिया।
📜 पेसा एक्ट पर महत्वपूर्ण चर्चा 🏛️
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित और पेसा एक्ट (PESA Act) के जानकार पंचानन सोरेन ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड में जल्द से जल्द पेसा कानून लागू होना चाहिए। इसके लिए आदिवासी समाज को संगठित होकर अपनी भूमिका निभानी होगी।

🗣️ पंचानन सोरेन ने पेसा एक्ट 1996 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह कानून आदिवासी स्वशासन को सशक्त बनाता है।
✅ पेसा नियमावली, झारखंड में जल्द लागू करने की आवश्यकता हैं – आदिवासी समाज को इसके लिए एकजुट होकर प्रयास करने होंगे।
✅ भूमि संरक्षण एवं बाहरी हस्तक्षेप पर रोक – पेसा एक्ट लागू होने से आदिवासी जमीनों की लूट को रोका जा सकेगा।
✅ ग्राम सभा की शक्ति में वृद्धि – इससे गांव की पारंपरिक व्यवस्था मजबूत होगी और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यदि पेसा एक्ट लागू होता है, तो:
✅ आदिवासी स्वशासन व्यवस्था मजबूत होगी।
✅ आदिवासी समाज तेजी से विकास की ओर बढ़ेगा।
✅ बाहरी तत्व आदिवासी भूमि पर कब्जा नहीं कर सकेंगे।

🏹 बैठक में आदिम माहली महाल के मन देश परगना कान्हु राम मार्डी ने समाज को एकजुट करने और सामाजिक एकता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि:
🔸 माहली समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
🔸 समाज के अग्रणी व्यक्तियों को अपने-अपने गांवों में सामाजिक जिम्मेदारियां लेनी होंगी।
🔸 बहुत जल्द समाज की एकता, एकरूपता और उन्नति के लिए एक महाधिवेशन आयोजित करने की आवश्यकता है। इस अधिवेशन में सभी राज्यों के आदिवासी समाज को एक मंच पर लाने पर जोर दिया गया। इस पहल से झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम एवं अन्य स्थानों के सभी माहली समाज के लोग शामिल होंगे।
🗣️ समाज के गणमान्य व्यक्तियों के विचार
बैठक को कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया, जिनमें शामिल थे:

🎤 झारखण्ड पोनोत जोग माझी शंकर सेन माहाली ने समाज के युवाओं को नशामुक्ति एवं रोजगार से जोड़ने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में जो समाज के लोग लग थलक पड़े रहेंगे और अपने निजी जीवन में मशहूल रहेंगे उसका पतन होना निश्चित है, इसलिए हमें माहली समाज के हर लोगों को अपने परम्परा के साथ जोड़ना और संगठिक हो कर समाज में बनाए रहना है।

🎤 पूर्व जिला पार्षद बुद्धेश्वर मुर्मू ने अपने वक्ता में कहा कि विकास हित में सभी लोगों को भागीदारी निभानी चाहिए। हमसेअभी को अपने परम्परा अनुसार ही कार्य करना चाहिए, आज के आधुनिक युग में बाहरी परिवेश के चकाचौंध में हमे अपने परम्परा को नहीं भूलना चाहिए। जो लोग आज के समय में हमारे समाज की संस्कृति, परंपराओं, पहचान और पारंपरिक व्यवस्था को भूलेंगे निश्चित ही आगे चल कर उनको काफी चुनौतीयों का सामना करना पड़ेगा ऐसा देखा गया हैं, की ज्यादा पड़ा लिखा युवक - युवतियां ही समाज से दूरी बनाते हैं और बाहरी परिवेश के संपर्क में आ कर समाज को भूल जाते हैं इसलिए मेरा अपील है खास कर के युवा वर्गों से की समाज की गरिमा और महत्व को जाने व समझे।

🎤 पूर्वी मुसाबनी के मुखिया दुलाल माहली – शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया। माहली समाज के विकास के लिए हमेशा तत्पर हैं।

🎤 पारुलिया पारानिक बुद्धेश्वर मार्डी ने कहा ही हमे हमारी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को और मजबूत करना है साथ ही सभी जगहों पर रह रहे हमारे माहली समाज को एक सूत में जोड़ने के काम में लग जाना हैं, इस के लिए अलग अलग जगहों का दौरा करने के लिए समिति और प्रतिनिधिमंडलों का गठन करना अति आवश्यक है, समाज में शिक्षा का महत्व को भी बढ़ावा देना है, शिक्षित लोग ही शिक्षित समाज का निर्माण कर सकता है।

🎤 झारखंड आंदोलनकारी सुराई बास्के ने समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर बैठकें करने की बात कही।

🎤 तोरोप जोग माझी बासुदेव मार्डी, ने मंच का संचालन किया साथ ही पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए और पेसा नियमावली को झारखण्ड के अनुसूचित क्षेत्र में जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया साथ ही साथ उपरोक्त सभी ने महाली समाज की एकजुटता, पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, और पेसा एक्ट के महत्व पर अपने विचार रखे।
🌍 बैठक में पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांधा, डुमरिया, मुसाबनी, पोटका सहित कई प्रखंडों के उमेश माहली, साल्खु बेसरा, दुर्गा चरण माहली, डुग्गू राम सोरेन, कालीचरण माली, उमेश कुमार माहली, गुमान माहली, रमई माहली, वासुदेव मार्डी, सोमाय मुर्मू, कार्तिक माहली, मंगल मुर्मू कार्तिक मुर्मू, बलराम मार्डी, सुराई बास्के, सोबरा हेंब्रम धनु मुर्मू, गौरांग बेसरा, मंगल माहली, वीरेन सामंत, सुभाष मुर्मू, देवनाथ बेसरा, मोहन माहली, बैजनाथ मार्डी, डुग्गू माहली, रवि माहली, रामलाल माहली आदि समाज के लोग उपस्थित रहे। सभी ने समाज के विकास और सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
📢 आगामी कदम
🛑 जल्द ही माहली समाज का महाधिवेशन आयोजित किया जाएगा।
🛑 पेसा एक्ट को झारखंड में लागू करवाने के लिए संगठित प्रयास किए जाएंगे।
🛑 गांव-गांव में पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
अगली बैठक: 16 फ़रवरी 2025 को की जाएगी
✨इस बैठक ने माहली समाज के भीतर एकता, जागरूकता और विकास की नई ऊर्जा भरी। समाज के लोग अब अपने अधिकारों और परंपराओं के प्रति और अधिक जागरूक हो रहे हैं। आने वाले समय में, महाली समाज संगठित होकर अपनी सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करेगा और पेसा कानून की लड़ाई को और तेज करेगा।
🚀 अब समय है संगठित होकर अपने अधिकारों की रक्षा करने का हैं!
🔊 "जोहार! एकता में ही शक्ति है!" 🙏🏹
➖ S S Mahali
जोग माझी झारखण्ड पोनोत,
आदिम माहली माहाल।
_ऐसे ही_
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इसी प्रकार से समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर बैठकें होनी चाहिए।